पू.
सी.
रेल,
निर्माण
संगठन
के
वेबसाइट
पर
आपका
स्वागत
है
।
संक्षिप्त
विवरण
पूर्वोत्तर
के
सात
राज्यों
असम,
त्रिपुरा,
मेघालय,
मणिपुर,
नगालैंड,
अरूणाचल
एवं
मिजोरम
के
सामाजिक-आर्थिक
एवं
संतुलित
विकास
हेतु
परामर्शी
निकाय
के
रूप
में
कार्य
करने
के
लिए
संसद
में
भारत
सरकार
द्वारा
वर्ष 1971
में
पूर्वोत्तर
परिषद (एन
ई
सी)
अधिनियमित
कर
गठित
की
गई।
किसी
भी
क्षेत्र
के
द्रुतगामी
विकास
के
लिए
रेल
विस्तृत
आधारभूत
संरचना
युक्त
एक
महत्वपूर्ण
सेक्टर
रहा
है।
पूर्वोत्तर
राज्यों
ने
पूर्वोत्तर
परिषद
मंच
के
माध्यम
से
असम
के
निकटवर्ती
पहाड़ी
राज्यों
में
रेल
सम्पर्क
की
मांग
करते
रहे
हैं।
तद्नुसार,
भारत
सरकार
ने
वर्ष 1979
में
छ:
पहाड़ी
राज्यों
में
से
प्रत्येक
में
एक
नई
लाइन
बिछाने
का
निर्णय
लिया।
साथ
ही
पूर्वोत्तर
परिषद
ने
भी
तेजपुर
के
निकट
ब्रह्मपुत्र
पर 3
कि.मी.
लम्बी
पुल
के
निर्माण
का
निर्णय
लिया।
रेल
को
यह
निर्माण
निक्षेप
कार्य
के
रूप
में
सौंपा
गया।
रेलवे
ने
पूर्वोत्तर
क्षेत्र
के
रेल
निर्माण
परियोजनाओं
के
बृहत
आकांक्षाओं
को
ध्यान
में
रखते
हुए
नई
एवं
अन्य
चालू
कार्य
के
साथ
बीजी
लाइन
परियोजनाओं
के
प्रबन्धन
एवं
नियंत्रण
हेतु
गुवाहाटी
मुख्यालयाधीन
महाप्रबन्धक
के
नेतृत्व
में
एक
अलग
निर्माण
संगठन
का
सृजन
किया।
इस
प्रकार
महाप्रबन्धक
पू.
सी.
रेल
निर्माण
के
अधीन
एक
अलग
निर्माण
संगठन
का
शुभारम्भ
हुआ।
पू.
सी.
रेल,
निर्माण
को 18-01-79
से 03-07-79
तक
नेतृत्व
प्रदान
करने
वाले
प्रथम
महाप्रबन्धक
श्री
एन
नीलकांत
शर्मा
थे।
निर्माण
संगठन
प्रारम्भ
से
लेकर
अब
तक
14
महाप्रबन्धकों
का
नेतृत्व
प्राप्त
कर
चुका
है
जिन्होंने
इसे
नई
ऊँचाईयों
तक
पहुंचाया
एवं
अनेकों
दुर्लभ
उपलब्धियों
को
प्राप्त
किया। |
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